सत्य
जन्म प्रथम
और
मृत्यु
जीवन का अंतिम सत्य है
इन्हें
हर बार
राजा-रंक फकीर को
जन-जन को
नत मस्तक होकर
स्वीकार करना ही पड़ता है ।
यह
जी भर के हंसाए
या
जी भर के रूलाए
हर बार
आंसू
खारे ही बहते हैं ।
अर्थात्
सत्य हंसाए
या रूलाए
आंखों में
उसके अहसासों की
शबनमी तश्वीर
इसीलिए
हर वक्त
एक जैसी ही दिखती है
क्योंकि
सत्य एक है
सत्य अटल है ।
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Satya Vachan..Aabhaar!
जवाब देंहटाएंhttp://kavyamanjusha.blogspot.com/
जन्म प्रथम
जवाब देंहटाएंऔर
मृत्यु
जीवन का अंतिम सत्य है
बहुत सही !!