मेरी वेब साईट मेरे निजी ख्यालों का यानि कि जिंदगी से जुड़े हुए रूहानी नजरियों का वो कागजी पुलिंदा है जो ठसाठस भरे हुए बैंक लोकर्स से भी लाखों गुना ज्यादा अपनी जाईन्दा औलादों की तरहां बेहद अजीज है।
अमृत‘वाणी’
© Free Blogger Templates 'Photoblog II' by Ourblogtemplates.com 2008
Back to TOP
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें